किसी ने मोल न पूछा दिल-ए-शिकस्ता का By Sher << कोई बुत-ख़ाने को जाता है ... किसी की महरम-ए-आब-ए-रवाँ ... >> किसी ने मोल न पूछा दिल-ए-शिकस्ता का कोई ख़रीद के टूटा पियाला क्या करता Share on: