किसी सितारे से क्या शिकायत कि रात सब कुछ बुझा हुआ था By रात, Sher << मैं अपनी अंगुश्त काटता था... हर तफ़्सील में जाने वाला ... >> किसी सितारे से क्या शिकायत कि रात सब कुछ बुझा हुआ था फ़सुर्दगी लिख रही थी दिल पर शिकस्तगी की नई कहानी Share on: