क़िस्मत की ख़राबी है कि जाता हूँ ग़लत सम्त By Sher << हाथ टूटें मैं ने गर छेड़ी... ये तिरा हिज्र अता दर्द अत... >> क़िस्मत की ख़राबी है कि जाता हूँ ग़लत सम्त पड़ता है बयाबान बयाबान से आगे Share on: