कितने चेहरों के रंग ज़र्द पड़े By Sher << एक इक कर के बहुत दुख साथ ... हर एक लम्हा तिरी याद में ... >> कितने चेहरों के रंग ज़र्द पड़े आज सच बोल कर हिमाक़त की Share on: