कितनी तब्दील हुइ किस लिए तब्दील हुइ By Sher << वहाँ सलाम को आती है नंगे ... इन लबों का लहू न पी जाऊँ >> कितनी तब्दील हुइ किस लिए तब्दील हुइ जानना चाहो तो इन आँखों से दुनिया देखो Share on: