किया है मिल के दोनों ने जो रुस्वा दुख़्तर-ए-रज़ को By Sher << वादा नहीं पयाम नहीं गुफ़्... गो कि तू 'मीर' से... >> किया है मिल के दोनों ने जो रुस्वा दुख़्तर-ए-रज़ को खिंची बैठी है शीशे से भरी बैठी है साग़र से Share on: