कू-ए-जानाँ में गर अब जाएँ भी तो क्या देखें By Sher << मोहब्बत और मजनूँ हम तो सौ... उदास शाम की यादों भरी सुल... >> कू-ए-जानाँ में गर अब जाएँ भी तो क्या देखें कोई रौज़न न रहा बन गई दीवार नई Share on: