कोई हंगामा-ए-हयात नहीं By Sher << अब तक तो किसी ग़ैर का एहस... इज़्न सूरज की किरन को नही... >> कोई हंगामा-ए-हयात नहीं रात ख़ामोश है सहर ख़ामोश Share on: