कोई मिला ही नहीं जिस से हाल-ए-दिल कहते By इज़हार, Sher << बहुत पहले से उन क़दमों की... चुभन ये पीठ में कैसी है म... >> कोई मिला ही नहीं जिस से हाल-ए-दिल कहते मिला तो रह गए लफ़्ज़ों के इंतिख़ाब में हम Share on: