कुछ और हो गई दुश्वार नेक-ओ-बद की तमीज़ By Sher << कभी कभी तू मुझे याद कर तो... दिल वो सहरा है कि जिस में... >> कुछ और हो गई दुश्वार नेक-ओ-बद की तमीज़ कि अब तो ख़ैर के पर्दे में शर निकलता है Share on: