कुछ और सबक़ हम को ज़माने ने सिखाए By Sher << लुत्फ़ आराम का तू क्या जा... ख़ुद चराग़ बन के जल वक़्त... >> कुछ और सबक़ हम को ज़माने ने सिखाए कुछ और सबक़ हम ने किताबों में पढ़े थे Share on: