कुछ दर्द के मारे हैं कुछ नाज़ के हैं पाले By Sher << क्या क्या दिलों का ख़ौफ़ ... इतरा के आईना में चिढ़ाते ... >> कुछ दर्द के मारे हैं कुछ नाज़ के हैं पाले कुछ लोग हैं हम जैसे कुछ लोग हैं तुम जैसे Share on: