कुछ सनअत ओ हिरफ़त पे भी लाज़िम है तवज्जोह By Sher << क्यूँ सिवल-सर्जन का आना र... खो गई हिन्द की फ़िरदौस-नि... >> कुछ सनअत ओ हिरफ़त पे भी लाज़िम है तवज्जोह आख़िर ये गवर्नमेंट से तनख़्वाह कहाँ तक Share on: