कुचल कुचल के न फ़ुटपाथ को चलो इतना By मज़दूर, Sher << शम्अ की तरह से जलना सीख औ... चाहे हैं तमाशा मिरे अंदर ... >> कुचल कुचल के न फ़ुटपाथ को चलो इतना यहाँ पे रात को मज़दूर ख़्वाब देखते हैं Share on: