नई नई आवाज़ें उभरीं 'पाशी' और फिर डूब गईं By Sher << मैं जो रोया उन की आँखों म... जिसे पढ़ते तो याद आता था ... >> नई नई आवाज़ें उभरीं 'पाशी' और फिर डूब गईं शहर-ए-सुख़न में लेकिन इक आवाज़ पुरानी बाक़ी है Share on: