कुंदनी रंग का मैं कुश्ता हूँ By Sher << अब कैसे चराग़ क्या चराग़ा... तमाम उम्र मिरा मुझ से इख़... >> कुंदनी रंग का मैं कुश्ता हूँ क्यूँ न हो मेरी ज़ाफ़रानी ख़ाक Share on: