कुर्रा-ए-हिज्र से होना है नुमूदार मुझे By Sher << बे-रंग न वापस कर इक संग ह... अब तक तिरे होंटों पे तबस्... >> कुर्रा-ए-हिज्र से होना है नुमूदार मुझे मैं तिरे इश्क़ का इंकार उठाने लगा हूँ Share on: