क्या बढ़ेगा वो तसव्वुर की हदों से आगे By Sher << मौज-ए-तूफ़ाँ से निकल कर भ... कुछ तो फ़ितरत से मिली दान... >> क्या बढ़ेगा वो तसव्वुर की हदों से आगे सुब्ह को देख के याद आए जिसे शाम की बात Share on: