क्या बनाया है बुतों ने मुझ को By Sher << मैं सामने से उठा और लौ लर... शराफ़तों की यहाँ कोई अहमि... >> क्या बनाया है बुतों ने मुझ को नाम रक्खा है मुसलमाँ मेरा Share on: