क्या फ़ैसला दिया है अदालत ने छोड़िए By Sher << इस ज़िंदगी ने साथ किसी का... अटा है शहर बारूदी धुएँ से >> क्या फ़ैसला दिया है अदालत ने छोड़िए मुजरिम तो अपने जुर्म का इक़बाल कर गया Share on: