क्या जाने किस जहाँ में मिलेगा हमें सुकून By Sher << ज़ाहिदो क़ुदरत-ए-ख़ुदा दे... टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन क... >> क्या जाने किस जहाँ में मिलेगा हमें सुकून नाराज़ हैं ज़मीं से ख़फ़ा आसमाँ से हम Share on: