क्या ख़ूब तुम ने ग़ैर को बोसा नहीं दिया By Sher << यार होते तो मुझे मुँह पे ... वो पास आने न पाए कि आई मौ... >> क्या ख़ूब तुम ने ग़ैर को बोसा नहीं दिया बस चुप रहो हमारे भी मुँह में ज़बान है Share on: