क्या लुत्फ़-ए-ईद है जो अगर तुम से दूर हों By Sher << उठ ऐ नक़ाब-ए-यार कि बैठे ... किस वक़्त जुदा मुझ से वो ... >> क्या लुत्फ़-ए-ईद है जो अगर तुम से दूर हों गुज़रेगा रोज़-ए-ईद तसव्वुर में आप के Share on: