क्या रोज़-ए-बद में साथ रहे कोई हम-नशीं By Sher << वही है रंग अभी तक जिगर के... किसी के अक़्द में रहती नह... >> क्या रोज़-ए-बद में साथ रहे कोई हम-नशीं पत्ते भी भागते हैं ख़िज़ाँ में शजर से दूर Share on: