क्या तर्जुमानी-ए-ग़म-ए-दुनिया करें कि जब By Sher << न टूटे और कुछ दिन तुझ से ... कल यही बच्चे समुंदर को मु... >> क्या तर्जुमानी-ए-ग़म-ए-दुनिया करें कि जब फ़न में ख़ुद अपना ग़म भी समोया न जा सका Share on: