लब पे काँटों के है फ़रियाद-ओ-बुका मेरे बाद By Sher << नाम को भी न किसी आँख से आ... उस से मिलना तो उसे ईद-मुब... >> लब पे काँटों के है फ़रियाद-ओ-बुका मेरे बाद कोई आया ही नहीं आबला-पा मेरे बाद Share on: