लब-ए-ख़िरद से यही बार बार निकलेगा By Sher << बा'द मरने के मिरी क़ब... उस शजर के साए में बैठा हू... >> लब-ए-ख़िरद से यही बार बार निकलेगा निकालने ही से दिल का ग़ुबार निकलेगा Share on: