लफ़्ज़ की क़ैद-ओ-रिहाई का हुनर By Sher << मैं तो किसी जुलूस में गया... कौन तहलील हुआ है मुझ में >> लफ़्ज़ की क़ैद-ओ-रिहाई का हुनर काम आ ही गया आख़िर मेरे Share on: