लफ़्ज़ों से बना इंसाँ लफ़्ज़ों ही में रहता है By Sher << इतना तो बता जाओ ख़फ़ा होन... हैं सारे इंकिशाफ़ अपने है... >> लफ़्ज़ों से बना इंसाँ लफ़्ज़ों ही में रहता है लफ़्ज़ों से सँवरता है लफ़्ज़ों से बिगड़ता है Share on: