लग़्ज़िश-ए-साक़ी-ए-मय-ख़ाना ख़ुदा ख़ैर करे By Sher << ज़ीस्त का इक गुनाह कर सके... तुम तो ऐ ख़ुशबू हवाओ उस स... >> लग़्ज़िश-ए-साक़ी-ए-मय-ख़ाना ख़ुदा ख़ैर करे फिर न टूटे कोई पैमाना ख़ुदा ख़ैर करे Share on: