लाख आबाद-ए-तमन्ना हो के दिल By Sher << किसी ने रख दिए ममता-भरे द... दोस्ती छूटे छुड़ाए से किस... >> लाख आबाद-ए-तमन्ना हो के दिल फिर भी वीराँ है न जाने किस लिए Share on: