लाम नस्तालीक़ का है उस बुत-ए-ख़ुश-ख़त की ज़ुल्फ़ By Sher << वो दिल में आ के निकलते नह... कुछ तो मिलता है मज़ा सा श... >> लाम नस्तालीक़ का है उस बुत-ए-ख़ुश-ख़त की ज़ुल्फ़ हम तो काफ़िर हों अगर बंदे न हों इस लाम के Share on: