लोग माँगे के उजाले से हैं ऐसे मरऊब By Sher << घर में क्या ग़म के सिवा थ... इस तरह मुंसलिक हुआ उर्दू ... >> लोग माँगे के उजाले से हैं ऐसे मरऊब रौशनी अपने चराग़ों की बुरी लगती है Share on: