लोगों का एहसान है मुझ पर और तिरा मैं शुक्र-गुज़ार By Sher << जो चमन की हयात को डस ले ये तमन्ना है कि अब और तमन... >> लोगों का एहसान है मुझ पर और तिरा मैं शुक्र-गुज़ार तीर-ए-नज़र से तुम ने मारा लाश उठाई लोगों ने i owe people a favour and i am grateful to you they carried my coffin when with a glance you slew Share on: