'चंदा' रहे परतव से तिरे या अली रौशन By Sher << याद के ख़ुशनुमा जज़ीरों म... एक अजीब राग है एक अजीब गु... >> 'चंदा' रहे परतव से तिरे या अली रौशन ख़ुर्शीद को है दर से तिरे शाम-ओ-सहर फ़ैज़ Share on: