मैं अपने बाप के सीने से फूल चुनता हूँ By Sher << पेड़ उजड़ते जाते हैं कच्ची क़ब्रों पर सजी ख़ुश... >> मैं अपने बाप के सीने से फूल चुनता हूँ सो जब भी साँस थमी बाग़ में टहल आया Share on: