मैं अपनी मौत से ख़ल्वत में मिलना चाहता हूँ By Sher << दिल की ज़िद इस लिए रख ली ... मैं गिरफ़्तार-ए-वफ़ा हूँ ... >> मैं अपनी मौत से ख़ल्वत में मिलना चाहता हूँ सो मेरी नाव में बस मैं हूँ नाख़ुदा नहीं है Share on: