मैं बहुत कमज़ोर था इस मुल्क में हिजरत के बाद By Sher << पास था नाकामी-ए-सय्याद का... ज़मीं ने ख़ून उगला आसमाँ ... >> मैं बहुत कमज़ोर था इस मुल्क में हिजरत के बाद पर मुझे इस मुल्क में कमज़ोर-तर उस ने किया Share on: