मैं बंद कमरे की मजबूरियों में लेटा रहा By Sher << मैं ने तो यूँही राख में फ... सच तो ये है कि दुआ ने न द... >> मैं बंद कमरे की मजबूरियों में लेटा रहा पुकारती फिरी बाज़ार में हवा मुझ को Share on: