मैं भरी सड़कों पे भी बे-चाप चलने लग गया By Sher << कुछ लोग जो ख़ामोश हैं ये ... अज़ल से ता-ब-अबद एक ही कह... >> मैं भरी सड़कों पे भी बे-चाप चलने लग गया घर में सोए लोग मेरे ज़ेहन पर यूँ छा गए Share on: