मैं भी बिखरा हुआ हूँ अपनों में By Sher << गया था माँगने ख़ुशबू मैं ... शाम भी है सुब्ह भी है और ... >> मैं भी बिखरा हुआ हूँ अपनों में वो भी तन्हा सा अपने घर में है Share on: