मैं चीख़ता रहा कुछ और भी है मेरा इलाज By Sher << मैं दिल-ए-गिरफ़्ता तुझे ग... मैं अंधेरे में हूँ मगर मु... >> मैं चीख़ता रहा कुछ और भी है मेरा इलाज मगर ये लोग तुम्हारा ही नाम लेते रहे Share on: