मैं डर रहा हूँ तुम्हारी नशीली आँखों से By Sher << उठते जोबन पे खिल पड़े गेस... हर्बा है आशिक़ों का फ़क़त... >> मैं डर रहा हूँ तुम्हारी नशीली आँखों से कि लूट लें न किसी रोज़ कुछ पिला के मुझे Share on: