मैं दौड़ दौड़ के ख़ुद को पकड़ के लाता हूँ By Sher << कल रात मिरे दिल ने फिर चु... बस्ती में अब कोई नहीं >> मैं दौड़ दौड़ के ख़ुद को पकड़ के लाता हूँ तुम्हारे इश्क़ ने बच्चा बना दिया है मुझे Share on: