मैं ढूँढ रहा हूँ मिरी वो शम्अ कहाँ है By Sher << कोई तो आए सुनाए नवेद-ए-ता... तू ये न पूछ मिरे गाँव में... >> मैं ढूँढ रहा हूँ मिरी वो शम्अ कहाँ है जो बज़्म की हर चीज़ को परवाना बना दे Share on: