मैं जब कभी उस से पूछता हूँ कि यार मरहम कहाँ है मेरा By Sher << मैं रोना चाहता हूँ ख़ूब र... मैं बिछड़ों को मिलाने जा ... >> मैं जब कभी उस से पूछता हूँ कि यार मरहम कहाँ है मेरा तो वक़्त कहता है मुस्कुरा कर जनाब तय्यार हो रहा है Share on: