मैं जिन गलियों में पैहम बरसर-ए-गर्दिश रहा हूँ By Sher << मैं कहाँ और कहाँ शाएरी मै... बहार अब के जो गुज़री तो फ... >> मैं जिन गलियों में पैहम बरसर-ए-गर्दिश रहा हूँ मैं उन गलियों में इतना ख़ार पहले कब हुआ था Share on: