मैं जिस के हाथ में इक फूल दे के आया था By Sher << कहाँ जुरअत इन अश्कों की क... धारे से कभी कश्ती न हटी औ... >> मैं जिस के हाथ में इक फूल दे के आया था उसी के हाथ का पत्थर मिरी तलाश में है Share on: