मैं जितना ढूँढता हूँ उस को उतना ही नहीं पाता By Sher << वो चीज़ कहते हैं फ़िरदौस-... सेहर लगता है पसीने में नह... >> मैं जितना ढूँढता हूँ उस को उतना ही नहीं पाता किधर है किस तरफ़ है और कहाँ है दिल ख़ुदा जाने Share on: