मैं कश्ती में अकेला तो नहीं हूँ By Sher << क़ुव्वत-ए-फ़िक्र भी दी ऐस... मुसाफ़िर चलते चलते थक गए ... >> मैं कश्ती में अकेला तो नहीं हूँ मिरे हमराह दरिया जा रहा है Share on: